रायपुर डेस्क। दुनियाभर में मशहूर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान के तलाक की खबर पिछले दिनों सुर्खियां बनी रहीं। कई साल पहले तलाक के मामले भारत में कम ही सुनने को मिलते थे, क्योंकि हमारे देश में इसे अच्छा नहीं माना जाता था। बाद में तलाक के मामले बढ़े भी तो उसमें भी शादी के कुछ सालों बाद ही तलाक हो जाया करता था।
शादी के कई सालों के बाद तलाक लेना होता जा रहा आम
थोड़े समय के बाद जब महिलाएं आत्मनिर्भर होने लगीं, तो कंपैटिबलिटी इश्यू के चलते तलाक के मामले बढ़ने लगे, लेकिन पिछले कुछ सालों में कई सालों के बाद तलाक लेना आम होता जा रहा है। चाहे वो ऋतिक रोशन-सुजैन का केस हो, मलाइका-अरबाज खान का, हिमेश रेशमिया का और उनकी पहली पत्नी कोमल का, ऐषा देओल और भरत तख्तानी का, करिश्मा कपूर-संजय कपूर का, सीमा सजदेह खान और सोहैल खान का, अर्जुन रामपाल और मेहर जेसिया का आदि-आदि.. लिस्ट बहुत लंबी है।
24 सालों बाद सोहैल खान-सीमा का हुआ था तलाक
बता दें कि करिश्मा ने संजय कपूर से 13 सालों के बाद, मलाइका अरबाज ने 19 सालों बाद, हिमेश रेशमिया का पहली पत्नी कोमल के साथ 22 सालों के बाद, ऐषा देओल का 12 सालों के बाद, सीमा सजदेह खान और सोहैल खान का 24 सालों के बाद, अर्जुन रामपाल और मेहर जेसिया का 21 सालों के बाद तलाक हो गया था। आमिर खान और किरण राव की शादी भी 16 साल चली और फिर साल 2021 में उनका तलाक हो गया। इससे पहले पहली पत्नी रीना के साथ भी उनका डिवोर्स हो गया था। सैफ अली खान और अमृता सिंह का तलाक भी शादी के 13 साल के बाद हो गया था।
भारत में तलाक के मामलों में बढ़ोतरी
आज हम आपको भारत में तलाक के बढ़ते कारणों के बारे में बताएंगे। नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे के मुताबिक पिछले 5 सालों में तलाक के मामले 35 फीसदी तक बढ़े हैं।
तलाक के कारण
- घरेलू हिंसा
- चीटिंग यानि धोखा देना
- विवाहेतर संबंध
- नए सिरे से शुरुआत करने की इच्छा
- कई सालों के अपमान और उपेक्षा का बदला
- भावनात्मक लगाव की कमी
- शारीरिक संबंधों में असंतुष्टि
- फिजिकल सपोर्ट की कमी
- दुर्व्यवहार या बदसलूकी
- रिश्ते में रिस्पेक्ट नहीं मिलना
अधिकतर मामलों में महिलाएं कर रहीं तलाक की पहल
हैरानी की बात तो ये है कि जहां पहले के जमाने में ये कहा जाता था कि जीवनसाथी की असली जरूरत बुढ़ापे में ही होती है, क्योंकि बच्चे अपने करियर और परिवार में व्यस्त हो जाते हैं, उनके पास बुजुर्गों के लिए समय नहीं होता, लेकिन अब बुढ़ापे में ही अलगाव की खबरें आ रही हैं। अधिकतर मामलों में महिलाएं तलाक के लिए पहल कर रही हैं।
दरअसल शादी के बाद तो एक-दो साल एडजस्टमेंट में निकल जाते हैं। शुरुआत में महिलाओं को ये लगता है कि अपमानजनक और उपेक्षापूर्ण व्यवहार शायद बच्चे होने के बाद खत्म हो जाएगा, चाहे समय के साथ पति उसकी भावनाओं को समझने लगेगा, लेकिन ऐसा होता नहीं। फिर बच्चों पर कोई बुरा असर नहीं हो, तो महिलाएं अपना दुख-दर्द भूलकर उनकी परवरिश में लग जाती हैं, लेकिन पति कहीं न कहीं अपने व्यवहार से मन से उतर चुका होता है। पति कब अपनी पत्नी के मन से उतर गया है, ये खुद न पति को पता होता है और न पत्नी ही इस बात को स्वीकार करना चाहती है।
महिलाएं उम्र के साथ हो जाती हैं इमोशनली ज्यादा मैच्योर और स्ट्रॉन्ग
बाद में साल दर साल महिलाओं के अपने सपनों, इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं को कुचलते हुए निकल जाते हैं, बच्चे बड़े हो जाते हैं, महिलाएं भी इमोशनली ज्यादा मैच्योर और स्ट्रॉन्ग हो जाती हैं और तलाक का फैसला लेना उनके लिए आसान हो जाता है। आजकल महिलाएं आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर होने लगी हैं, साथ ही कानून भी ज्यादा सशक्त हुए हैं, इसलिए उनके लिए तलाक का फैसला बहुत मुश्किल नहीं होता है।