नई दिल्लीः वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस बार 31 अक्टूबर 2024 को दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। श्रीलोक मंगलमय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान चित्रकूट धाम मंडल के निदेशक ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज के अनुसार 31 अक्टूबर 2024 की शाम दिवाली पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त है। उन्होंने राशि के अनुसार कुछ आसान पूजा विधि बताया, जिससे भगवान गणेश और माता लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करेंगी।
मेष राशि (अ, च, चू, चे, ला, ली, लू, ले - 21 मार्च से 19 अप्रैल)
पूजाः शुक्र यंत्र अभिमंत्रित कर, चांदी के बर्तन में लाल वस्त्र, कमलगट्टा या स्फटिक, सुगंधित पदार्थ, शहद, रसमलाई से भोग लगाकर पूजा करें।
वस्त्रः लाल रंग के कपड़े पहनें,ये रंग देवी लक्ष्मी को अति प्रिय है।
दानः गरीबों या जरूरतमंदों में शक्कर का दान करें।
वृष राशि (उ, ए, ई, औ, द, दी, वो - 20 अप्रैल से 20 मई)
पूजाः बुध यंत्र अभिमंत्रित कर, हरा वस्त्र, कांसे के बर्तन में मरगज, चमेली का तेल, साबुत मूंग या मूंग लड्डू का भोग लगाकर पूजा करें।
वस्त्रः नीले रंग के कपड़े पहनें, घर में सुख-शांति का वास होगा।
दानः हरी मूंग का दान करना अत्यंत शुभ रहेगा।
मिथुन राशि (के, को, क, घ, छ, ह, ड - 21 मई से 21 जून)
पूजाः चंद्र यंत्र अभिमंत्रित कर, चांदी के बर्तन में श्वेत वस्त्र, सफेद मोती, सफेद पुष्प, चावल, मिश्री का भोग लगाकर पूजन करें।
वस्त्रः नारंगी रंग के कपड़े पहनेंगे, ये रंग धन को आकर्षित करता है।
दानः गुड़ का दान करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
कर्क राशि (ह, हे, हो, डा, ही, डो - 22 जून से 22 जुलाई)
पूजाः सूर्य यंत्र अभिमंत्रित कर, तांबे के बर्तन में लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल पुष्प, सरसों, नारियल और मूंगफली का भोग लगाएं।
वस्त्रः हरे रंग के कपड़े पहनने से मानसिक शांति मिलती है।
दानः चावल का दान करना शुभ माना जाएगा।
सिंह राशि (म, मे, मी, टे, टा, टी - 23 जुलाई से 22 अगस्त)
पूजाः बुध यंत्र अभिमंत्रित कर, कांसे के बर्तन में हरा वस्त्र, ओनेक्स, चावल, शक्कर, साबुत मूंग या मूंग लड्डू का भोग लगाएं।
वस्त्रः भूरे रंग के कपड़े पहनें, विशेष कृपा प्राप्त होती है।
दानः वस्त्रों का दान करना विशेष लाभकारी रहेगा।
कन्या राशि (प, ष, ण, पे, पो, प - 23 अगस्त से 22 सितंबर)
पूजाः शुक्र यंत्र अभिमंत्रित कर, चांदी के बर्तन में सफेद रेशमी वस्त्र, स्फटिक, मिश्री, सुगंधित पदार्थ, श्वेत पुष्प, कलाकंद का भोग लगाकर पूजन करें।
वस्त्रः सफेद रंग के कपड़े पहनने से सदा कृपा बनी रहेगी।
दानः ब्राह्मणों को मीठा खिलाएं और दक्षिणा दें।
तुला राशि (रे, रो, रा, ता, ते, तू - 24 सितंबर से 23 अक्टूबर)
पूजाः मंगल यंत्र अभिमंत्रित कर, तांबे के बर्तन में लाल वस्त्र, मूंगा, साबुत मसूर, लाल पुष्प, गुड़ के बने पकवान का भोग लगाएं।
वस्त्रः पीले रंग के कपड़े पहनना आपके लिए शुभ रहेगा।
दानः पुस्तक का दान करना विशेष रूप से शुभ फलदायक।
वृश्चिक राशि (लो, ने, नी, नू, या, यी - 24 अक्टूबर से 22 नवंबर)
पूजाः गुरु यंत्र अभिमंत्रित कर, स्वर्ण या कांसे के बर्तन में पीला वस्त्र, टोपाज, चना दाल, हल्दी की गांठ, केसरयुक्त मिठाई का भोग लगाकर पूजा करें।
वस्त्रः मैरून रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से परेशानियां कम हो जाती हैं।
दानः चने की दाल और गुड़ का दान करें।
धनु राशि (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे - 23 नवंबर से 21 दिसंबर)
पूजाः शनि यंत्र अभिमंत्रित कर, कांसे के बर्तन में नीला वस्त्र, लाजवर्त, साबुत उड़द, तिल, शीशम, सरसों, गुलाब जामुन का भोग लगाकर पूजन करें।
वस्त्रः बैंगनी रंग के कपड़े धारण कर सकते हैं।
दानः साबुत धनिए का दान करना अत्यंत शुभ और लाभकारी होगा।
मकर राशि (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी - 22 दिसंबर से 19 जनवरी)
पूजाः शनि यंत्र अभिमंत्रित कर, शीशे के बर्तन में नीला-सफेद मिश्रित वस्त्र, जमुनिया, तिल, सरसों, गुड़ या मीठी पूड़ी का भोग लगाकर पूजन करें।
वस्त्रः नीले रंग के कपड़े पहनकर पूजा करें, सफलता जरूर मिलेगी।
दानः लोहे से बनी चीजों का दान करना विशेष रूप से शुभ माना गया है।
कुंभ राशि (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द - 20 जनवरी से 18 फरवरी)
पूजाः गुरु यंत्र अभिमंत्रित कर, कांसे या पीतल के बर्तन में पीला वस्त्र, पीला हकीक, चना दाल, साबुत धनिया, जौ, हल्दी की गांठ, बेसन की मिठाई का भोग लगाएं।
वस्त्रः ग्रे रंग के कपड़े आपके लिए शुभ रहेंगे।
दानः मां दुर्गा को माला और गुलाब अर्पित करें।
मीन राशि (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची - 19 फरवरी से 20 मार्च)
पूजाः मंगल यंत्र अभिमंत्रित कर, तांबे के बर्तन में लाल वस्त्र, लाल हकीक, मसूर, लाल पुष्प, गुड़ का भोग लगाकर पूजन करें।
वस्त्रः गुलाबी रंग के कपड़े पहनने से विशेष कृपा प्राप्त होगी।
दानः जरूरतमंदों को कंबल दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।
डिसक्लेमर- इस लेख में उल्लेखित जानकारी/सामग्री/गणना ज्योतिषाचार्य के अपने विचार और अनुभव के आधार पर लिखी गई है। इसके उपयोगकर्ता इसे सूचना की तरह ही लें और विशेष जानकारी के लिए ज्योतिषाचार्य से सीधे संपर्क कर सकते हैं।