प्रयागराजः पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। इस साल का महाकुंभ सबसे खास माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की वही शुभ स्थिति बन रही है जो समुद्र मंथन के दौरान बनी थी। इस दिन रवि योग बन रहा है। रवि योग में स्नान कर सूर्यदेव की पूजा करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है। सोमवार होने के कारण महादेव की उपासना के विशेष संयोग ने इस क्षण को और भी दुर्लभ बना दिया। पहले दिन सुबह 9.30 बजे तक 60 लाख श्रद्धालु पावन गंगा, यमुना और संगम में डुबकी लगा चुके थे।
पहले दिन कुंभ स्नान का मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 5:27 बजे से लेकर 6:21 बजे तक.
- विजय मुहूर्त- दोपहर 2:15 बजे से लेकर 2:57 बजे तक रहेगा.
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 5:42 बजे से लेकर 6:09 बजे तक रहेगा.
- निशिता मुहूर्त- रात 12:03 बजे से लेकर 12:57 बजे तक रहेगा.
गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले में आस्था, आध्यात्म, संस्कृति का अकल्पनीय संगम देखने को मिल रहा है। यहां कोई ब्राह्मण, यादव, दलित, जाट, शूद्र,राजपूत नहीं केवल सिर्फ सनातनी हिंदू हैं। करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले इस महाकुंभ में देश-दुनिया से करीब 35 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है।
अमृत स्नान की तिथि
- 14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति
- 29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी 2025- बसंत पंचमी
- 12 फरवरी 2025- माघ पूर्णिमा
- 26 फरवरी 2025- महाशिवरात्रि
महाकुंभ में सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं। गृहस्थ लोग नागा साधुओं बाद ही संगम में स्नान करते हैं। माना जाता है कि स्नान के दौरान 5 डुबकी लगाने से ही स्नान पूरा माना जाता है। महाकुंभ में अमृत स्नान करने से न सिर्फ उस व्यक्ति को बल्कि उसके पितरों को भी संतुष्टि मिलता है और आत्मा तृप्त होने के साथ सभी तरह के पाप से मुक्ति मिल जाती है।
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