मुंबई/रांचीः महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों में सरकार रिपीट हो रही है। महाराष्ट्र की जनता ने विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जनादेश दिया है। भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और NCP (अजित पवार) के गठबंधन महायुति को 235 सीटों पर बंपर जीत मिली है। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है।
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे
भाजपा ने 132, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। कांग्रेस के नेतृत्व वाला महा विकास अघाड़ी 46 सीटों पर सिमट गया। शिवसेना (उद्धव) 20, कांग्रेस 16 और NCP (शरद पवार) के हिस्से 10 सीटें आईं। 2 सीटें सपा ने जीती हैं। 10 सीटें अन्य के खाते में गईं। महाराष्ट्र में वर्तमान सरकार का कार्यकाल 26 नवंबर तक है यानी अगले तीन दिन के भीतर शपथ ग्रहण समारोह होना तय है।
झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजे
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने 16, राजद ने 4 और सीपीआई(एमएल)(एल) ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस तरह से इंडिया गठबंधन को राज्य की 81 सीटों में से 56 सीटों पर विजय मिली है। एनडीए गठबंधन के लिए बीजेपी ने 21 सीट, आजसू, जेडीयू और लोजपा रामविलास ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है। कुछ मिलाकर एनडीए को झारखंड चुनाव में 24 सीटें मिली हैं।
महाराष्ट्र में बीजेपी की स्ट्राइक रेट
महाराष्ट्र में बीजेपी की स्ट्राइक रेट अब तक का उसका सबसे बेहतर प्रदर्शन है। बीजेपी ने 288 में से 148 सीटों पर चुनाव लड़ा और 133 सीटें जीत ली। इस तरह 89.86% यानी करीब 90 फीसदी स्ट्राइक रेट रही है। शिवसेना (शिंदे) ने 80 सीटों पर चुनाव लड़ा और 71.25 फीसदी की स्ट्राइक रेट के साथ 57 सीटें जीती हैं। इसी तरह एनसीपी (अजित पवार) ने भी अपने खाते की 53 में से 41 सीट जीती है यानी 77 फीसदी स्ट्राइक रेट। हालांकि झारखंड में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।
भाजपा के गर्वनेंस मॉडल पर मुहर
महाराष्ट्र में भाजपा की शानदार जीत पर दिल्ली मुख्यालय में भी जमकर जश्न मनाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी भी गठबंधन के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। ये लगातार तीसरी बार है जब भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। यह ऐतिहासिक है और भाजपा के गर्वनेंस मॉडल पर मुहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र का जनादेश, समाज को बांटने का एजेंडा चलाने वाले कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर करारा प्रहार है। कांग्रेस अब परजीवी पार्टी बनकर रह गई है। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद भारत के सामने नई चुनौती है।