रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। छत्तीसगढ़ के नगर निगमों के महापौर, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष अब रीति से होगा। यानी जनता अब सीधे महापौर और निकाय अध्यक्ष चुन सकेगी। छत्तीसगढ़ में निकाय चुनावों को लेकर पहले भी यही रीति थी लेकिन 2019 में कांग्रेस सरकार के दौरान इसे बदल दिया गया था।
OBC को 50% तक आरक्षण
अविभाजित मध्य प्रदेश में 1999 के पूर्व नगर निगमों में महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था। साल 2019 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नगरीय निकायों के महापौर और अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसंबर 2019 को किया गया था। साय कैबिनेट ने इस फैसले को अब पलट दिया है।
इसके साथ ही पिछड़ा वर्ग और अल्संख्यक विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनाव में OBC के आरक्षण के नियम को बदला है। पहले 25 प्रतिशत आरक्षण था लेकिन अब OBC को संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत तक आरक्षण मिलेगा। छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व और आरक्षण संबंधी प्रावधानों में संशोधन किए जाने के लिए विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का बड़ा फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 में पर्यटन परियोजनाओं के लिए निवेश पर सामान्य उद्योगों की तरह रियायत का प्रावधान है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से प्रदेश में एडवेंचर, वाटर पर्यटन, मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म के क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। साथ ही राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे।
ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म से चना उपार्जन
प्रदेश में PDS के जरिए चना बांटने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम से ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से चना लेने का फैसला भी लिया गया है। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के सभी अनुसूचित विकासखण्डों और मॉडा पैकेट क्षेत्र में अंत्योदय और प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारियों को प्रतिमाह 5 रूपए किलो की दर से 2 किलो चना दिया जाता है।
फिलहाल चना वितरण योजना के तहत 30 लाख 22 हजार परिवारों को लाभ हो रहा है। राज्य को चना वितरण के लिए प्रति माह 6046 टन और प्रति वर्ष 72 हजार 52 टन चना की जरूरत होती है। चना का उपार्जन नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की चना वितरण योजना के माध्यम से हितग्राहियों को उच्च क्वालिटी का चना मिले, इसके लिए कैबिनेट ने नागरिक आपूर्ति निगम को NeML ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपार्जन करने की अनुमति दी गई।