नई दिल्ली/रायपुरः छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2026 तक छत्तीसगढ़ के अलावा पूरे देश से नक्सलवाद का समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की चौतरफा घेराबंदी की जा रही है, जिसके चलते बीते 8 महीने में 150 से ज्यादा नक्सली मारे गए और इससे चार गुना ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। छत्तीसगढ़ के साथ ही सीमावर्ती राज्यों में भी एंटी नक्सल ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में फिलहाल 46 हजार पैरामिलिट्री फोर्स तैनात हैं। इसमें CRPF, ITBP, SSB और BSF समेत अन्य फोर्स शामिल हैं। पैरामिलिट्री फोर्स की 3 और बटालियन बस्तर में तैनात की जाएगी। बस्तर में अब तक 110 पुलिस कैंप खुल चुके हैं और नक्सलियों के कोर इलाके में 25 नए कैंप जल्द खुलेंगे।
4S की रणनीति
नक्सलवाद के खात्मे के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने 4S की रणनीति तैयार की है। ये 4S हैं- शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और सुविधा। इसके लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नियद नेल्ला नार योजना शुरू की है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं। फोर एस की पहली रणनीति शिक्षा के तहत सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा पर जोर दे रही है। जंगलों के भीतर स्कूल खोले जा रहे हैं। नक्सलियों ने जिन स्कूलों को तबाह कर दिया है। उसे संवारा जा रहा है। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा के जंगलों के भीतर जवान शिक्षक की भूमिका भी निभा रहे हैं।
4S प्लान क्या है?
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- सड़क
- सुविधा
शिक्षित होकर लोग करेंगे नक्सली हिंसा का विरोध
फोर एस की दूसरी रणनीति स्वास्थ्य के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर किया जा रहा है ताकि ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। जिला मुख्यालय में अस्पताल बनाएं जा रहे हैं, डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है और जंगलों में भी एंबुलेंस की सुविधा पहुंचाई जा रही है। इसी तरह तीसरी रणनीति के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है ताकि लोगों का आवागमन आसान हो सके और गांव- गांव में कारोबार और बाजार पहुंच पाए। चौथी रणनीति है सुविधाएं बढ़ाना। इसके लिए गांव-गांव में मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। युवाओं के लिए ऑनलाइन क्लासेस चल रही है। गांव में ही ग्रामीणों को राशन मिल जा रहा है। सरकार की जनहितैषी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंच रहा है।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके दे रही है। हाल ही में बड़ी संख्या में बस्तर फाइटर की भर्ती की गई, जिसमें बस्तर के युवाओं को प्राथमिकता दी गई। इस तरह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की रफ्तार बढ़ाकर लोगों को विकसित होते छत्तीसगढ़ की मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।