नई दिल्लीः भारत का संविधान, भारत का सबसे बड़ा कानून है, जो इसके शासन ढांचे, अधिकारों और कर्तव्यों को रेखांकित करता है। ये भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित करता है और अपने नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करता है। भारतीय संविधान को संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया और 26 जनवरी 1950 को देशभर में लागू किया गया।
संविधान का निर्माता अंबेडकर
डॉ भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है। भारतीय संविधान का निर्माण 1946 में गठित संविधान सभा द्वारा किया गया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे। डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में प्रारूप समिति गठित की गई थी। संविधान सभा के 299 सदस्यों ने 2 साल 11 महीने 18 दिन बैठकें कर इसका प्रारूप तैयार किया था।
विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान
ये विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत का संविधान न तो मुद्रित है और न ही टंकित है। ये हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखा गया है। इसे प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा हस्तलिखित किया गया था और देहरादून में प्रकाशित किया गया था। छत्तीसगढ़ के घनश्याम गुप्त की अध्यक्षता में संविधान का हिंदी अनुवाद किया गया है। संविधान के हर पेज को शांति निकेतन के कलाकारों ने सजाया है। संविधान की प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है और अपने नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता का आश्वासन देती है और बंधुत्व को बढ़ावा देने का प्रयास करती है।
नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार
संविधान देश के मौलिक कानून के रूप में हमारे मूल्यों, सिद्धांतों और शासन के ढांचे का प्रतीक है। संविधान के जरिए संसदीय संप्रभुता और न्यायिक सर्वोच्चता के मध्य समन्वय स्थापित किया गया है। भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को 6 मौलिक अधिकारों की गारंटी प्रदान की गईं है। नीति-निर्देशक तत्त्व सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र के आदर्श को बढ़ावा देकर भारत में एक ‘कल्याणकारी राज्य‘ स्थापित करने का प्रयास करते हैं। इसी तरह मौलिक कर्तव्य नागरिकों को एक मजबूत और सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र बनाने की दिशा में योगदान करने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं।
मूल संविधान में 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं, अब 100 से ज्यादा संशोधन के बाद संविधान में 25 भाग, 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। भारतीय संविधान राष्ट्र के लोकतांत्रिक आदर्शों और आकांक्षाओं का प्रमाण है। ये भारत को एक न्यायपूर्ण, समावेशी और समृद्ध समाज की ओर ले जाने का मार्गदर्शन देता है।