पटना: बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC प्रीलिम्स की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदेश के छात्र आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। इन सबके बीच अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका में BPSC प्रीलिम्स परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार डीएम और एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में BPSC परीक्षा के दौरान धांधली के आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में CBI से करवाने का आग्रह किया है। दरअसल, 13 दिसंबर 2024 को BPSC प्रीलिम्स की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा परिसर में गड़बड़ी पाई गई। गड़बड़ी की सूचना पर आयोग ने सेंटर की परीक्षा रद्द कर फिर से आयोजित करवाया।
जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर इसके खिलाफ 4 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा 15 हजार बच्चों की है, जो बच्चे आंदोलित हैं वे 3.5 लाख से ज्यादा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आधे से ज्यादा सीटों पर भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं, एक-एक नौकरी के 30 लाख से 1.5 करोड़ तक लिए जा रहे हैं, सरकार को इस पर बोलना चाहिए।