संभलः उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस की टीम पर पथराव कर दिया। उपद्रवियों पुलिस की कुछ गाड़ियों को आग भी लगा दी। बवाल में कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए। उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिसकर्मियों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया। एसपी कृष्ण कुमार और डीएम राजेंद्र पैंसिया ने मौके पर पहुंचकर हालात को सामान्य करने की कोशिश की।
मिटाए जा सकते हैं साक्ष्य
इस बीच हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने खतरा जताते हुए कहा कि ASI को तुरंत विवादित मस्जिद को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए, वरना वहां से मंदिर होने के साक्ष्य मिटाए जा सकते हैं। वहीं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वहां मंदिर बनना चाहिए, कुछ लोग सर्वे होने से घबरा गए हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने घटना को निंदनीय बताया और मुसलमानों को कानून पर भरोसा रखने की नसीहत दी है।
बवाल पर सियासतइस मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने जान बूझकर हिंसा कराई है। घटना को लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सख्त एक्शन लेने की बात कही है। वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद टीम सर्वे के लिये गई थी, ऐसे संवेदनशील मामले में सियासत पर अखिलेश यादव को शर्म आनी चाहिए।
मामला क्या है?संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला अदालत में है। हिंदू पक्ष दावा है कि ये हरिहर मंदिर है, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। 19 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। इस के बाद रविवार को संभल में दोबारा सर्वे के लिए टीम पहुंची थी। इस दौरान उपद्रव के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। मुरादाबाद पुलिस ने फ्लैग मार्च कर शहर में शांति बनाए रखने की अपील की है।