पटना/दिल्लीः बिहार कोकिला के नाम से मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली एम्स में उन्होंने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने फेसबुक पोस्ट कर शारदा सिन्हा के निधन की दुखद जानकारी दी। छठ महापर्व के गीत गाकर प्रसिद्ध हुईं शारदा सिन्हा का छठ पूजा के पहले व्रत नहाय-खाय के दिन इस दुनिया को छोड़कर चली गईं। बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा, उसके बाद यहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए, जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए। शारदा सिन्हा के पति का हाल ही में ब्रेन हैमरेज के कारण निधन हो गया था। इसके बाद उनकी तबीयत पिछले महीने से बहुत खराब थी। 2018 में उन्हें मल्टिपल मायलोमा होने की खबर सामने आई थी। ये एक घातक किस्म का ब्लड कैंसर है, तभी से लगातार उनका इलाज चल रहा था। फिलहाल उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। 4 नवंबर की शाम में शारदा सिन्हा की तबीयत अचानक फिर बिगड़ गयी. जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ गया था। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन पर स्वास्थ्य की जानकारी ली। मंगलवार देर रात उनके निधन की खबर से उनके प्रशंसक मायूस हैं।
शारदा सिन्हा को मिले सम्मान
शारदा सिन्हा का अंतिम छठ गीत भी एक दिन पहले ही रिलीज किया गया था, जिसके बोले हैं- 'दुखवा मिटाईं छठी मइया'। अपने पूरे करियर में उन्होंने कुल 9 एल्बम में 62 छठ गीत गाए थे। शारदा सिन्हा को 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही बिहार कोकिला, भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिला विभूति सहित कई सम्मान मिले थे।
देशभर में शोक की लहर
बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध गायिका डॉक्टर शारदा सिन्हा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। बिहारी लोक गीतों को मैथिली और भोजपुरी में अपनी मधुर आवाज़ देकर शारदा सिन्हा जी ने संगीत जगत में अपार लोकप्रियता पायी। आज छठ पूजा के दिन उनके मधुर गीत देश-विदेश में भक्ति का अलौकिक वातावरण बना रहे होंगे। उन्हें वर्ष 2018 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। उनका सुमधुर गायन अमर रहेगा। मैं उनके परिवारजन एवं प्रशंसकों के प्रति गहन शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं।- द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति
सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
बिहार कोकिला, पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा जी का निधन दुःखद। वे मशहूर लोक गायिका थीं। उन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावा हिन्दी गीत भी गाये थे। उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज दी थी। स्व० शारदा सिन्हा जी के छठ महापर्व पर सुरीली आवाज में गाए मधुर गाने बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी भागों में गूंजा करते हैं। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है। -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार