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हेमचंद यादव ने कांग्रेस के किले में लगाई थी जीत की हैट्रिक, पढ़िए कैसा था उनका राजनीतिक सफर

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दुर्गः कुशल राजनेता और लोकप्रिय जननेता हेमचंद यादव छत्तीसगढ़ की राजनीति के विशिष्ट व्यक्तित्व रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 10 साल कर मंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता हेमचंद यादव ने संगठनात्मक कौशल, नेतृत्व और चुनाव मैनेजमेंट हर मामले में अपनी अलग पहचान बनाई।


हेमचंद यादव का जन्म 1 दिसंबर 1958 को दुर्ग के बैगापारा में हुआ था। तिलक स्कूल से प्राथमिक शिक्षा और महात्मा गांधी स्कूल से माध्यमिक शिक्षा के बाद उन्होंने सुराना महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ली। जनसंघ से जुड़ी पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण युवा अवस्था में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ली और 1987 में बैगापारा वार्ड के अध्यक्ष बने। 1991 में उन्हें युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया। साल 1992 में उन्होंने मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते हुए शहर के हर वार्ड में इकाईयों का गठन किया। उनकी संगठन क्षमता समझते हुए भाजपा ने उन्हें 1996 में दुर्ग जिला का अध्यक्ष बना दिया।


कांग्रेस के गढ़ में खिलाया कमल

इसके बाद विधानसभा चुनाव 1998 में हेमचंद यादव ने कांग्रेस का किला माने जाने वाली दुर्ग सीट से चुनाव लड़ा और वोरा परिवार का वर्चस्व खत्म कर ऐतिहासिक जीत हासिल की। तब विपक्ष में रहते हुए उन्होंने जनता के लिए निरंतर संघर्ष किया। 2003 के विधानसभा चुनाव में हेमचंद यादव ने दोबारा जीत हासिल की और उन्हें डॉ रमन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। पहली बार दुर्ग शहर से भाजपा विधायक को मंत्री बनाए जाने पर जनता और कार्यकर्ता उत्साह से भर गए। मंत्री बनने के बाद हेमचंद यादव ने खुद को कभी वीआईपी नहीं माना। सामान्य दिनों की तरह दोस्तों और लोगों से मिलते थे। उनके सरल व्यवहार से जनता के बीच उनकी गहरी बैठ बन गई। 2008 के विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक बनाने के साथ उन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। उन्होंने पंचायत और ग्रामीण विकास, उच्च शिक्षा, जल संसाधन, श्रम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली।


हेमचंद यादव का कार्यकाल किसानों के लिए समर्पित था। उन्होंने कई जगहों पर एनिकट बनवाएं और सिंचाई का रकबा बढ़ाया। भिलाई में पेयजल की गंभीर समस्या को दूर करने के लिए सालों से धूल खा रही योजनाओं को साकार किया। रायपुर नाका पर रेलवे ओवर ब्रिज, वाणिज्यिक कर भवन, आरटीओ कार्यालय, जिला कार्यालय परिसर में भू-अभिलेख शाखा भवन, कृषि उपज मंडी का कायाकल्प, तहसील कार्यालय का जीर्णाोद्धार और जिला चिकित्सालय में सौ बिस्तरों का अतिरिक्त भवन निर्माण जैसे बड़े काम उनके कार्यकाल के दौरान हुए।


हेमचंद यादव का राजनीतिक सफरनामा


  • 1987 अध्यक्ष, भाजपा वार्ड
  • 1991 अध्यक्ष, युवा मोर्चा
  • 1992 अध्यक्ष, शहर भाजपा, दुर्ग
  • 1997 अध्यक्ष, जिला भाजपा, दुर्ग
  • 1998 दुर्ग सीट से विधायक निर्वाचित
  • 2003 दुर्ग सीट से दोबारा विधायक निर्वाचित
  • 2003 डॉ रमन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री
  • 2008 दुर्ग सीट से जीत की हैट्रिक
  • 2008 मंत्रिमंडल में दोबारा मिला स्थान

भाजपा के कुशल रणनीतिकार

इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न चुनावों में मुख्य चुनाव संचालक के रूप में पार्टी को सफलता दिलाने में महत्वपूर्व भूमिका निभाई। साल 2013 के बाद हेमचंद यादव पूरी तरह संगठन को मजूबत करने में जुट गए। उन्हें प्रदेश भाजपा का उपाध्यक्ष बनाया गया। सार्वजनिक जीवन में भी उन्होंने खूब काम किया। 11 अप्रैल 2018 को उन्होंने अंतिम सांस ली और देवलोक सिधार गए। हेमचंद यादव के देहावसान से भारतीय जनता पार्टी ने अपने एक सच्चे और कर्मठ कार्यकर्ता को हमेशा के लिए खो दिया। उनकी स्मृति में दुर्ग विश्वविद्यालय का नाम हेमचंद यादव विश्वविद्यालय कर दिया गया है। 

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